राजकीय महाविद्यालय इन्दुपुर गौरी बाज़ार देवरिया के अस्तित्व में आने के पूर्व गन्ना कृषक समिति गौरी बाज़ार ने एक महाविद्यालय के स्थापना की परिकल्पना की थी| इसी क्रम में उक्त समिति ने 1.08 एकड़ भूमि पर तीन व्याख्यान कक्षों एवं प्राशासनिक भवन के रूप में पांच कक्षों का निर्माण प्रारम्भ किया था | प्रसिद्ध समाजसेवी ,रचनाधर्मी ,एवं दूरदृष्टि संपन्न स्व० प्रयागराज सिंह का डिग्री कॉलेज की स्थापना का का स्वप्न महामहिम श्री मोती लाल बोरा,तत्कालीन राज्यपाल, उ०प्र० की कृपा तथा उनके विधिक सलाहकार श्री चन्द्रभूषण पाण्डेय के अथक प्रयास से शा०सं०-327/15-17—96- 4020/96 दिनांक 28-07-1996 द्वारा दिनांक 16 सितम्बर 1996 राजकीय महाविद्यालय इन्दुपुर गौरी बाज़ार देवरिया के रूप में फलीभूत हुआ |
राजकीय महाविद्यालय का यह वर्तमान नवीन परिसर जहाँ यह समारोह संचालित हो रहा है स्थानीय बाहर सिंह इन्टर कॉलेज के प्राधिकृत नियंत्रक ने मानकरूप महाविद्यालय की स्थापना हेतु 6.40 एकड़ भूमी उपलब्ध करायी | तद्क्रम में तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री ने दिनांक 27 मई 1997 को प्रस्तावित भवन का शिलान्याश किन्तु कतिपय विवादों के कारण मामला माननीय उच्च न्यायलय में विचाराधीन रहा | माननीय उच्च न्यायलय के पक्ष में निर्णय के उपरांत उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम,गोरखपुर इकाई ने वर्ष 2014 निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया था | इस भूखंड पर महाविद्यालय के नवीन भवन के निर्माण का कार्य वर्ष 2019 संपन्न हुआ और पत्रांक 220|रा.म.ई|2019-20/ दिनांक 10-10-2019 को निर्माण इकाई द्वारा भवन का हस्तांतरित किया गया | महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर केवल आठ विषयों- हिन्दी,अंग्रेजी,संस्कृत,प्रा०इतिहास,समाजशास्त्र,राजनीतिशास्त्र,शारीरिक शिक्षा,एवं भूगोल की कक्षायें संचालित हो रही है | महाविद्यालय आरम्भ से इस बात के लिए जागरूक रहा है की यहाँ स्थापनाकाल से ही सम्बद्धता प्राप्त स्नातक स्तर के वाणिज्य एवं विज्ञान एवं संकायों की कक्षाएं भी संचालित हो, क्यूंकि इस महाविद्यालय को कला संकाय के साथ-साथ इन दोनों संकायों की भी अस्थाई सम्बद्धता महामहिम कुलाधिपति द्वारा प्रदान की गई थी | लगभग आठ-नौ वर्ष तक वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय की सम्बद्धता बढती रही किन्तु बाद में विश्वद्धालय द्वारा गठित निरीक्षण मंडल ने महाविद्यालय पद्सृजन,प्रयोगशाला,पुस्तकालय आदि कमियों का उल्लेख करते हुए अस्थाई सम्बद्धता हेतु संस्तुति देने से इनकार कर दिया और कहा कि जब इनकी व्यवस्था हो जाये तब पुनः सम्बद्धता हेतु निरीक्षण कराया जाए पुनः वर्ष 2019 में विश्वद्धालय द्वार गठित निरीक्षण मण्डल ने अपने निरीक्षण के दौरान वाणिज्य संकाय की अस्थाई सम्बद्धता प्रदान की |
इव्सके अतिरिक्त राष्ट्रिय उच्चतर शिक्षा अभियान (RUSA) के अंतर्गत सम्मिलित इस महाविद्धालय को उन्नयन हेतु 2 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त है | इसमें से उ०प्र० आवास एवं विकास परिषद द्वारा वाणिज्य संकाय के अंतर्गत बी०काम० की कक्षाओ के संचालन हेतु तीन व्याखान कक्षों का निर्माण पूर्ण हो गया है जिसका हस्तांतरण अभी नही हुआ है बी०काम०की कक्षाओ के संचालनार्थ तत्सम्बन्धी वाणिज्य शिक्षको का पद सृजन हेतु शासन में पत्र भेजा गया है |पद सृजन की प्रक्रिया शासन स्तर पर लंबित है | शासन द्वारा प्रवक्ता वाणिज्य के पदों की स्वीकृति के पश्चात बी०काम० की कक्षाओ का संचालन प्रारम्भ कर दिया जायेगा |